बाबर आजम क्यों टट्टी खिलाड़ी है? Babar Azam kyo tatti khiladi hai
बाबर आजम क्यों टट्टी खिलाड़ी है?
बाबर आजम को पाकिस्तान का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टार माना जाता है, लेकिन क्या वह वाकई इतने बड़े खिलाड़ी हैं जितना उन्हें दिखाया जाता है? उनकी गिनती उन क्रिकेटरों में होती है, जिनसे उम्मीदें बहुत ज्यादा रहती हैं, लेकिन उनके प्रदर्शन को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते हैं। कई फैंस और आलोचक उन्हें मजाक में “तत्ती खिलाड़ी” कहते हैं। आइए, इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि बाबर आजम को तत्ती खिलाड़ी क्यों कहा जाता है और उनका प्रदर्शन आखिर इतना निराशाजनक क्यों साबित होता है।
1. आसान मैचों में रन बनाना, बड़े मुकाबलों में फ्लॉप होना
बाबर आजम का सबसे बड़ा आलोचना बिंदु यह है कि वे अक्सर कमजोर टीमों के खिलाफ बड़ा स्कोर करते हैं, लेकिन जब मुकाबला किसी मजबूत टीम या दबाव भरे मैच में होता है, तो वह ज्यादातर बार असफल रहते हैं।
- ज़िम्बाब्वे और नीदरलैंड्स के खिलाफ शतक: बाबर आजम का औसत छोटे मैचों में काफी अच्छा है, लेकिन भारत, ऑस्ट्रेलिया, या इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
- वर्ल्ड कप और बड़े टूर्नामेंट्स में खराब प्रदर्शन: बड़े टूर्नामेंट्स में उनकी पारियां अक्सर धीमी और बेअसर होती हैं, जिससे उनकी टीम को नुकसान उठाना पड़ता है।
यही कारण है कि फैंस उन्हें “स्टेट पैडर” (यानी सिर्फ रिकॉर्ड भरने वाला खिलाड़ी) बुलाते हैं, जो अहम मौकों पर टीम को कभी जीत नहीं दिला पाता।
2. धीमी बल्लेबाजी: टीम पर बोझ बनना
बाबर आजम की बल्लेबाजी शैली बेहद धीमी है, खासकर टी20 और वनडे क्रिकेट के लिहाज से। आधुनिक क्रिकेट में तेज रनों की जरूरत होती है, लेकिन बाबर पारी की शुरुआत से ही गेंदें खराब करते हैं और रन बनाने में संघर्ष करते हैं।
- पावरप्ले का खराब इस्तेमाल: जहां पावरप्ले में तेजी से रन बनाए जाने चाहिए, बाबर बेहद धीमा खेलते हैं।
- स्ट्राइक रेट की समस्या: कई बार बाबर ऐसी धीमी पारी खेलते हैं, जिससे अंत में टीम के अन्य बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ जाता है, और टीम का रन रेट नीचे चला जाता है।
इस तरह की धीमी पारियों की वजह से पाकिस्तान अक्सर महत्वपूर्ण मुकाबलों में हार का सामना करता है, और बाबर को “एंकर पारी” खेलने का जुनून टीम पर भारी पड़ता है।
3. कप्तानी में विफलता: नेतृत्व की कमी
बाबर आजम को टीम का कप्तान बनाया गया, ताकि वह टीम को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकें। लेकिन उनकी कप्तानी में पाकिस्तान की रणनीतियां कमजोर नजर आती हैं, और वह दबाव की स्थिति में अक्सर गलत फैसले लेते हैं।
- दबाव में कप्तानी में बिखरना: बड़े मुकाबलों में बाबर की रणनीति कमजोर साबित होती है, जिससे टीम का प्रदर्शन प्रभावित होता है।
- टीम का मनोबल गिराना: कप्तान के रूप में बाबर का बिखरना पूरी टीम के मनोबल पर असर डालता है, और टीम अहम मौकों पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती।
कई बार बाबर की कप्तानी की आलोचना यह कहकर भी की गई है कि वह एक असली लीडर की तरह नहीं खेलते और दबाव में टीम का हौसला बढ़ाने के बजाय खुद ही हार मान लेते हैं।
4. विराट कोहली से तुलना: मजाक से ज्यादा कुछ नहीं
बाबर आजम की तुलना अक्सर भारतीय दिग्गज विराट कोहली से की जाती है, लेकिन यह तुलना आंकड़ों से परे बिल्कुल बेमानी साबित होती है। कोहली ने बड़े मैचों और कठिन हालात में अपनी टीम को जीत दिलाई है, जबकि बाबर ऐसे मौकों पर ज्यादातर बार विफल रहे हैं।
- विराट की मैच जिताने वाली पारियां: कोहली के करियर में कई बार उन्होंने अकेले दम पर रन चेज किया है और टीम को जीत दिलाई है।
- बाबर की कमजोर मानसिकता: बाबर न केवल रन चेज में असफल रहते हैं, बल्कि कई बार दबाव में आकर सिर्फ अपने निजी प्रदर्शन पर ध्यान देते हैं, जिससे टीम हार की ओर बढ़ती है।
यह तुलना सिर्फ आंकड़ों तक सीमित है, लेकिन मैदान पर प्रभाव और मानसिक मजबूती के मामले में बाबर, कोहली से कहीं पीछे हैं।
5. फैंस की उम्मीदों पर खरा न उतरना
बाबर आजम को लेकर फैंस की उम्मीदें बहुत ज्यादा थीं, लेकिन उन्होंने बार-बार इन उम्मीदों को तोड़ा है। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर फैंस उन्हें “तत्ती खिलाड़ी” कहकर मजाक उड़ाते हैं।
- ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रोलिंग: बाबर आजम की धीमी बल्लेबाजी और बड़े मैचों में फ्लॉप प्रदर्शन की वजह से वह अक्सर मीम्स का विषय बन जाते हैं।
- फैंस की नाराजगी: पाकिस्तान क्रिकेट के फैंस को उनसे काफी उम्मीदें थीं, लेकिन बार-बार निराश होने के बाद वे अब उन्हें तिरस्कार भरी नजर से देखते हैं।
6. क्या बाबर आजम सुधार कर सकते हैं?
बाबर आजम के पास अभी भी समय है कि वह अपने खेल में सुधार करें, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी बैटिंग अप्रोच और कप्तानी में बदलाव लाने की जरूरत है।
- स्ट्राइक रेट पर काम करना जरूरी: उन्हें आधुनिक क्रिकेट की जरूरतों के अनुसार तेजी से रन बनाना सीखना होगा।
- कप्तानी छोड़ना एक विकल्प: यदि कप्तानी का दबाव उनकी बल्लेबाजी पर असर डाल रहा है, तो उन्हें इसे छोड़कर सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए।
7. निष्कर्ष: बाबर आजम क्यों तत्ती खिलाड़ी हैं?
बाबर आजम को “तत्ती खिलाड़ी” कहना कई लोगों के लिए मजाक हो सकता है, लेकिन इसमें सच्चाई के कुछ अंश भी हैं। उनके प्रदर्शन का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि वह कमजोर टीमों के खिलाफ बड़े स्कोर बनाते हैं लेकिन कठिन मुकाबलों में असफल हो जाते हैं। उनकी धीमी बल्लेबाजी और कमजोर कप्तानी की वजह से पाकिस्तान क्रिकेट को कई महत्वपूर्ण मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है।
- अहम मौकों पर फ्लॉप होना: यही कारण है कि उन्हें एक भरोसेमंद खिलाड़ी नहीं माना जा सकता।
- आधुनिक क्रिकेट के अनुकूल न होना: उनकी धीमी बल्लेबाजी शैली टी20 और वनडे जैसे फॉर्मेट में टीम के लिए नुकसानदायक है।
अगर बाबर आजम जल्द ही अपने खेल में सुधार नहीं करते, तो उनका करियर लंबे समय तक नहीं टिक पाएगा, और वह हमेशा के लिए औसत दर्जे का खिलाड़ी बनकर रह जाएंगे।
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